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ब्रम्हा जी सहित 8 देवताओं ने हनुमान जी को दिए थे 8 वरदान

हनुमान जी को सबसे बलशाली देवता माना जाता है । मंगलवार का दिन प्रभु हनुमान जी को समर्पित है। इस दिन भक्तगण पूरे विधिविधान से हनुमान जी की उपासना करते है । मान्यता है कि हनुमान जी को अमर होने का वरदान मिला है। इसलिए हनुमान जी धरती पर आज भी भ्रमण करते है ।

हनुमान जी एक चुटकी सिंदूर से प्रसन्न हो जाते है और अपने भक्तो के सभी कष्ट हर लेते है । बाल्मिकी रामायण के अनुसार , प्रभु हनुमान जी अपने बाल्यकाल के समय भूख लगने पर सूर्य देवता को फल समझकर उन्हें खाने के लिए आकाश की ओर निकल पड़े। तब राहू ने देवराज इंद्र से इसकी शिकायत की । तो देवराज इंद्र यह सुनकर घबरा गए ।

फिर देवराज इंद्र ने बालक हनुमान पर अपने वज्रायुध से वार कर दिया । वज्र के प्रहार से बालक हनुमान पहाड़ पर गिर पड़े । और उनकी बाईं ठुड्ढी टूट गई। हनुमान की यह हालत देख वायुदेव को क्रोध आया। और कुछ क्षण के लिए अपनी गति रोक दी । सारे प्राणी तड़पने में सारे लोक में हाहाकार मच गया। तब ब्रह्मा जी ने आकर बालक हनुमान को जीवित किया। तब ब्रह्मा जी सहित 8 देवताओं ने हनुमान जी को वरदान दिया । आइए जानते है वो कौन से 8 वरदान है ।

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अपने तेज का सौंवा भाग सूर्य ने दिया

सूर्य भगवान ने हनुमान जी को अपने तेज का सौंवा भाग दिया । सूर्य ने ही हनुमान जी को शास्त्रों का ज्ञान भी दिया था। प्रभु हनुमान जी ने शिक्षा सूर्य भगवान से ही प्राप्त की थी। ज्ञान देते हुए सूर्य भगवान ने कहा था की किसी को भी शास्त्रों का ज्ञान हनुमान जी के समान और किसी को नही होगा ।

धर्मराज यम

प्रभु हनुमान जी को धर्मराज यमराज जी ने वरदान दिया कि मेरे दंड से सदैव हनुमान दूर रहेंगे ।

कुबेर का वरदान

कुबेर ने हनुमान जी को वरदान दिया कि बालक को युद्ध में कभी विषाद नही होगा । तथा मेरी गदा संग्राम भी इसका वध ना कर सकेगी ।

भगवान शिव शंकर

भगवान शिव शंकर ने हनुमान जी को वरदान दिया कि यह मेरे और मेरे शास्त्रों द्वारा अवध्य रहेगा ।

देव शिल्पी विश्वकर्मा

शस्त्र शिल्पकार देव शिल्पी विश्वकर्मा ने हनुमान जी को वरदान दिया कि मेरे द्वारा जितने भी अस्त्र और शस्त्र है। उसमें यह अवध्य और चिरंजीवी रहेगा ।

देवराज इंद्र

देवराज इन्द्र ने भी हनुमान जी को वरदान दिया कि यह बालक आज से मेरे वज्र द्वारा अवध्य रहेगा ।

जल देवता वरुण

जल देवता वरुण ने वरदान दिया कि दस लाख वर्ष की आयु हो जाने पर भी मेरे पाश और जल से इस बालक की मृत्यु नहीं होगी । चाहे हनुमान जी के समक्ष क्षीण समुद्र की बड़ी बड़ी लहरें भी हो जाएंगी ।

ब्रम्हा जी का वरदान

बालक हनुमान को जीवित करने वाले भगवान ब्रह्मा जी ने हनुमान को वरदान दिया था कि ब्रह्मा के दंडों से हनुमान जी सदैव दूर रहेंगे ।जैसा रूप धारण करना चाहेंगे वैसा कर लेंगे । इनका पूरा नियंत्रण अपनी इच्छानुसार रहेगा ।

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